Saturday, December 30, 2017

जानिए अब तक कितने भारतीय फलंदाजो ने टी-ट्वेंटी मे शतक बनाया हैं। Indian batsmen have made a century in T-Twenty International

भारत मे सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल क्रिकेट हैं। भारत के दस मेसे सात लोग क्रिकेट देखना पसंत करते हैं। जब भारत ने 1983 मे वर्ल्ड कप जीता था। तब से भारत मे क्रिकेट की लोकप्रियता बहुत ही बढ़ चुकी हैं। 2000 मे जब भारत ने टी ट्वेंटी का वर्ल्ड कप जीता था। तब से एकदिवसीय मैचो से ज्यादा टी ट्वेंटी मैचो के लिए लोकप्रियता बढ़ने लगी। शुरू शुरू मे टी ट्वेंटी मैचो मे शतक बनाना आसान काम नहीं था। पर बाद मे खिलाड़ियोंके लिए लिए शतक बनाना आसान काम हो गया। पहला शतक 2007 के टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप मे वेस्ट इंडीज खिलाड़ि ख्रिस गेल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया। उस मैच मे ख्रिस गेल ने 57 गेंदों मे 117 रन बनाये थे।

1) सुरेश रैना 
अब तक भारत के सिर्फ तीन खिलाडियोने टी ट्वेंटी के इतिहास मे शतक बनाया हैं। टी ट्वेंटी के इतिहास मे तिसरा और पहले भारतीय बल्लेबाज के तौर पर सुरेश रैना ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2 मई 2010 को बनाया। इस मॅच मे सुरेश रैना ने 60 गेंदों पर 101 रनों की पारी खेली थीं। इस पारी मे 9 चौके और 5 छक्के शामिल थे। 


2) रोहित शर्मा 
भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा ने यह कारनामा दो बार कर के दिखाया हैं। 2 अक्टूबर 2015 को अपना पहला और टी ट्वेंटी के इतिहास मे 15 वा शतक बनाया और यैसा करने वाले दुसरे भारतीय बल्लेबाज बने। इस मैच मे रोहित शर्मा ने 66 गेंदों पर 106 रनों की पारी खेली। इस पारी मे 12 चौके और 5 छक्के लगाए। 22 दिसंबर 2017 को रोहित शर्मा ने अपने करियर का दुसरा टी ट्वेंटी शतक बनाया और टी ट्वेंटी के इतिहास मे 29 वा शतक बनाया। इस पारी मे 43 गेंदों पर 118 रन बनाये। उसमे 12 चौके और 10 छक्के शामिल हैं। यह शतक सबसे तेज शतक है। यह शतक सिर्फ 35 गेंदों पर पूरा किया और डेविड मिलर के साथ सबसे तेज शतक बनाने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। 


3) के.एल.राहुल 
भारत के के.एल.राहुल ने 27 अगस्त 2016 को वेस्ट इंडीज के खिलाफ शतक बनानेवाले तिसरे भारतीय और टी ट्वेंटी के इतिहास मे 22 वे फलंदाज बने। के.एल.राहुल ने 51 गेंदों पर 110 रनों की पारी खेली। इसमें 12 चौके और 5 छक्के शामिल है।

जानिए टी20 इंटरनेशनल मैच में सबसे तेज शतक कितने गेंदों पर बनाया हैं इन दो बल्लेबाजोने ।Fastest Hundred In World T20 International

एकदिवसीय क्रिकेट से ज्यादा टी20 बहुत लोकप्रिय हो चुका हैं। इसकी वजह हैं, टी20 मैचों मे होनेवाली लाजबाब बल्लेबाजी। पहले 50 ओवर के मैच शतक बनाना बहुत ही मुश्किल था। पर अब 20 ओवर के मैच मे यानि टी20 मैच मे 24 दिसंबर 2017  तक 29 शतक बन चुके थे। टी20 मैचों मे सबसे तेज शतक बन जाते है।


भारत के अब तीन बल्लेबाज अपना शतक पूरा कर चुके हैं। रोहित शर्मा ने तो टी20 मे दो शतक बनाये हुए हैं। रोहित शर्मा दुसरा शतक टी20 सबसे तेज शतक हैं। यह शतक 35 गेंदों पर बनाया और डेविड मिलर के 35 गेंदों पर शतक बनाने की पारी की बराबरी कर ली। 
भारत और श्रीलंका के ख़िलाफ़ 22 दिसंबर 2017 को इंदौर मे खेले गए दुसरे टी20 मैच मे 35 गेंदों पर अपना शतक पुरा किया और 43 गेंदों पर 118 रन बनाकर आउट हो गए। इस पारी मे रोहित शर्मा ने 12 चौके और 10 छक्के मारे थे।


दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के खिलाफ 29 अक्टूबर 2017 खेले गए मैच मे डेविड मिलर ने 35 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। इस पारी मे 36 गेंदों पर 101 रन बनाकर डेविड मिलर नाबाद रहे। इस पारी मे डेविड मिलर ने 7 चौके और 9 छक्के मारे थे।



जानिए तीन टेस्ट मैच के लिए दक्षिण अफ्रीका की टीम में कौन कौन से खिलाड़ी शामिल हैं । South Africa Test Team for three Test matches.

5 जनवरी से होने वाले टेस्ट मैच के लिए दक्षिण अफ्रीका ने अपनी टीम का ऐलान किया हैं। पहला टेस्ट मैच केप टाऊन के मैदान पर खेला जानेवाला हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका के सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका टीम फाफ डुप्लेसिस के कप्तानी में खेलेगी। जिम्बाब्वे  खिलाफ ऐतिहासिक मैच के दौरान चौटिल होने कारण फाफ डु प्लेसिस खेल नहीं पाए उनकी जगह पर एबी डी विलियर्स ने टीम की कप्तानी की थी। अब फाफ डु प्लेसिस पूरी तरह से तंदुरस्त होने के कारण भारत के खिलाफ वही टीम की कप्तानी करेंगे। दक्षिण अफ्रीका के टीम में डेल स्टेन ने वापसी की हैं, क्वींटन दी कॉक को भी टीम में जगह मिली हैं। 


दक्षिण अफ्रीका टेस्ट टीम के खिलाड़ी -
फाफ डु प्लेसिस ( कप्तान ), हाशिम अमला, टेम्बा वेव, थ्यूनिस डी ब्रुइन, क्वींटन दी कॉक ( Wk ), एबी डी विलियर्स, डीन एल्गर, केशव महाजन, एडिन मार्क्रम,मोर्ने मोर्केल, ख्रिस मॉरिस, एंडील फेलिकेनो, वर्नान फिलैंडर, कगिसो रबाडा, डेल स्टेन। 

टेस्ट मैच  
पहला टेस्ट मैच- 5 से 9 जनवरी, केप टाउन 
दूसरा टेस्ट मैच - 13 से 17 जनवरी, सेंच्युरीअरन 
तीसरा टेस्ट मैच - 24 से 28 जनवरी, जोहान्सबर्ग  

Tuesday, December 26, 2017

जानिए दक्षिण अफ्रीका दौरे के एकदिवसीय सीरीज 2018 के लिए भारतीय टिम के खिलाड़ी। India ODI squad for South Africa series 2018

भारत नए साल के शुरुवात मे दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जानेवाला हैं। इस दक्षिण अफ्रीका के दौरे मे भारत 3 टेस्ट मैच, 6 एकदिवसीय मैच, और 3 टी-20 मैच खेले जायेंगे। इस दक्षिण अफ्रीका का के दौरे के लिए बीसीसीआई ने अपनी एकदिवसीय 17 खिलाड़ियों की टीम चुनी हैं। इस भारतीय टीम के 17 खिलाड़ियोमे रविंद्रचन्द्र अश्विन और रविंद्र जडेजा को टीम मे जगह नहीं मिली।उनकी जगह पर फिर से युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को जगह मिली। युवराज सिंह, और सुरेश रैना को भी जगह नहीं मिल पायी। सुरेश रैना और युवराज सिंह अपनी यो-यो टेस्ट पास की थी। फिर भी टीम इंडिया मे वापसी नहीं कर पाए।


विराट कोहली, केदार जाधव, मोहम्मद शमी, शार्दुल ठाकुर ने भारतीय टीम मे वापसी कर ली। 1 फरवरी 2018 से 16 फरवरी 2018 के बीच मे एकदिवसीय सीरीज खेली जाएगी।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम :- विराट कोहली ( C ), रोहित शर्मा ( VC ), शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे, श्रेयस अय्यर, केदार जाधव, मनिष पांडे, महेंद्र सिंग धोनी ( WK ), दिनेश कार्तिक, अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, शार्दुल ठाकुर, हार्दिक पांड्या। 
 इन खिलाड़ियोंको टीम मे जगह मिली :- विराट कोहली, केदार जाधव, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी। 
यह खिलाडी टीम से बाहर हुए :- वॉशिंग्टन सुंदर, सिद्धार्थ कौल। 

Monday, December 25, 2017

जानिए विराट कोहली औरअनुष्का शर्मा के शादी का रिसेप्शन मुंबई कब होगा और कौन कौन शामिल होंगे। Virat Kohli and Anuksha sharma Mumbai Reception

विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने 11 दिसंबर को इटली की।  शादी करने के बाद के बाद 21 दिसंबर को दिल्ली के ताज डिप्लोमेटिक एन्क्लेव में  भव्य शादी का रिसेप्शन आयोजित किया था। उस रिसेप्शन में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी भी शामिल हुए थे। भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली भी इस समरोह में शामिल हुए थे। 


अनुष्का शर्मा और विराट कोहली ने अपने शादी का दूसरा रिसेप्शन मुंबई में भी रखा हुआ हैं।  वे अभी मुंबई लौट गए हैं, और अब वे 26 दिसंबर को लोअर परेल में स्थित सेंट रेगिस होटल में मुंबईकरों के लिए रिसेप्शन रखा हैं। यह समारोह विशाल एस्टर बॉलरूम में होगा, जिसमें बैठने की क्षमता है 300 मेहमानों के और होटल के स्तर 9 पर स्थित है। असाधारण स्थल में 23 फुट ऊंची छत और क्रिस्टल झूमर हैं।


बॉलरूम में 6,433 वर्ग फुट का विशाल क्षेत्र है, और इसे तीन खंडों में विभाजित किया गया है, एक लंबा दालान, पूर्व समारोह क्षेत्र, सेंट्रल बॉलरूम और एस्टर टेरेस। वहाँ छत वाली छत वाली खिड़कियां हैं जो एस्टर टेरेस से बॉलरूम को अलग करती हैं, जो पर्याप्त धूप और चांदनी प्रदान करता है।


शादी का स्वागत मंगलवार को 8 बजे से शुरू होगा। इस समारोह में शामिल होने के लिए बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियां आ सकतीं हैं। उनमें बॉलीवुड से अमिताभ बच्चन, सलमान खान, शाहरुख़ खान, आमिर खान शामिल हो सकते हैं। पूरी भारतीय क्रिकेट टीम के साथ के साथ बीसीसीआई  के सब अधिकारी शामिल हो सकते हैं। सचिन तेंदुलकर के साथ उनका पूरा परिवार और भारतीय क्रिकेट टीम के रिटायर खिलाड़ी भी शामिल हो  सकते हैं। रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपने पूरे परिवार के साथ  शामिल हो सकते हैं। 


विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के शादी रिसेप्शन काफ़ी बड़ा होनेवाला हैं।

Friday, December 15, 2017

जानिए भारत के सबसे ज्यादा शिक्षित व्यक्ति श्रीकांत जिचकर के बारे मे जानकारी। Shrikant Jichkar Information in Hindi।

दुनिया मे अलग अलग तरह के लोग पाए जाते हैं। हर प्रकार के लोग मिलते हैं ,उन लोगो मेसे कुछ बहुत होशियार होते हैं। वह लोग किसी ना किसी क्षेत्र मे बहुत होशियार होते हैं। ऐसा ही एक व्यक्ति था , जो हर क्षेत्र मे निपुन था। उसका नाम श्रीकांत जिचकर था।


 श्रीकांत जिचकर के बारे मे जानकारी। 
श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितम्बर 1954 को काटोल मे हुआ था। श्रीकांत जिचकर बचपन से ही बहोत होशियार थे। वह सब बच्चो मे बहुत ही प्रतिभाशाली थे। श्रीकांत जिचकर जी के पत्नी का नाम राजश्री जिचकर हैं। उन्हें तीन बच्चे थे।  

श्रीकांत जिचकर की शिक्षा। 
श्रीकांत जिचकर जी ने अलग अलग प्रकार के लगभग 20 प्रकार की डिग्रीया हासिल कर ली थी। उन्होंने हर प्रकार की मुश्किल से मुश्किल डिग्री हासिल कर रखी थी। उन्होंने एक मेडिकल डॉक्टर (MBBS and MD) के रूप में शुरू किया, उन्होंने कानून  (LL.B.)  और अंतरराष्ट्रीय कानून पदव्युत्तर पदवी ( LL.M ) की शिक्षा ली। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (DBM और MBA) में अपनी मास्टर्स और जर्नलिज्म (B.Journ) की पदवी ली। उन्होंने संस्कृत में अपनी डी.लिट (Doctor of Literature ) की डिग्री प्राप्त की।  जो विश्वविद्यालय में किसी भी डिग्री से अधिक है। उनकी अधिकांश डिग्री प्रथम योग्यता के साथ हैं और उन्होंने अपनी डिग्री के लिए 28  स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं। 1973 और 1990 के बीच उन्होंने 42 विश्वविद्यालय की परीक्षाएं, हर गर्मी और हर सर्दी के मौसम मे उन्होंने एक परीक्षा दी।


1978 में उन्होंने भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा में भाग लिया और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में उनको चुना गया। कुछ दिनों बाद उन्होंनेआईपीएस के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने फिर से भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा दी और 1980 में भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (IAS ) में सफलता प्राप्त की , लेकिन चार महीने बाद श्रीकांत जिचकर जीने फिर से इस्तीफा दे दिया। 

श्रीकांत जिचकर जी के राजकीय जीवन। 
श्रीकांत जिचकर जीने महाराष्ट्रा विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला किया। और जब उनकी उम्र 26 साल की थी , तब वह देश के सबसे कम उम्र के पहली बार विधायक बने। विधायक बनने के बाद श्रीकांत जिचकर जी महाराष्ट्रा सरकार के सबसे शक्तिशाली मंत्री बन गए। श्रीकांत जिचकर जी एक  बहुत ही शक्तिशाली सरकारी मंत्री थे , जो एक बार में 14 खाते संभालते थे। श्रीकांत जिचकर जी  महाराष्ट्र विधान सभा (1982-85), मे  विधायक थे। महाराष्ट्र विधान परिषद (1986-92) के सदस्य थे। और महाराष्ट्रा राज्य सरकार के राज्य मंत्री रहे। वह भारतीय राज्यसभा मे (1992-98) का सदस्य थे।


श्रीकांत जिचकर जी की रूचि। 
श्रीकांत जिचकर जी एक शिक्षणतज्ज्ञ, चित्रकार, पेशेवर फोटोग्राफर और अभिनेता भी थे। श्रीकांत जिचकर जी का खुद का बहुत ही बड़ा पुस्तकालय था। जिसमे लगभग 52,000 से ज्यादा पुस्तक थे। उनका पुस्तकालय भारत के सबसे बड़े पुस्तकालय मैसा एक था। उन्होंने 1992 में नागपुर में सैंडिपानी स्कूल की स्थापना की थीं।


श्रीकांत जिचकर जी की मृत्यु। 
 ऐसे महान व्यक्ति की मृत्यु एक कार अपघात मे 2 जून 2004 मे नागपुर के पास एक कोडाली गांव एक कार दुर्घटना में निधन हो गया। 2 नवंबर 2013 को अदालत ने एसटी निगम को कार चालकों के लिए जिम्मेदार ठहराया और जिचकर के परिवार के सदस्यों को 50 लाख 67 हजार रुपये मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया।





Monday, December 4, 2017

जानिए क्रिकेट खेल मे इस्तमाल होनेवाले बॉल के बारे जानकारी ,बॉल के बारे मे ICC ने क्या नियम बनाये हैं। Cricket Ball Information In Hindi.।

क्रिकेट खेल दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलो मैसे एक खेल माना जाता हैं। भारत मे क्रिकेट खेल के बहुत सारे दिवाने हैं। क्रिकेट को फॉलो करने वाले लोग हरपल क्रिकेट के गतिविधियोंके बारे मे जानकारी लेने के लिए तैयार रहते हैं। आज हम क्रिकेट खेल मे इस्तमाल होने वाले बॉल के बारे मे जानकारी लेंगे। क्रिकेट खेल के लिए ICC ने कुछ नियम बनाये हुए हैं। उन नियमों का पालन होना बहुत जरुरी होता हैं। ICC ने क्रिकेट बॉल के लिए भी कुछ नियम बनाये हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मे  तीन प्रकार के गेंदे ( बॉल ) का इस्तमाल किया जाता हैं।


क्रिकेट बॉल के बारे मे जानकारी। 
क्रिकेट खेलने के लिए बॉल ( गेंद ) का इस्तमाल किया जाता हैं। क्रिकेट की गेंद एक सख्त, ठोस गेंद होती है जिसका इस्तेमाल क्रिकेट खेलने में किया जाता है। चमड़े और काग (कॉर्क) से तैयार क्रिकेट की गेंद, प्रथम श्रेणी स्तर पर पूर्णतया क्रिकेट के नियमों के अधीन होती है। कई दिनों तक चलने वाले टेस्ट क्रिकेट और ज्यादातर घरेलू मैचों में पारंपरिक लाल रंग की गेंद का इस्तेमाल किया जाता है। कई एकदिवसीय क्रिकेट मैचों में सफेद रंग की गेंद का इस्तेमाल किया जाता है।2010 से, खिलाड़ियों के सफेद कपड़ों के साथ और दिन / रात टेस्ट मैचों के दौरान बेहतर रात की दृश्यता के साथ गुलाबी रंग की शुरुआत की गई है। ट्रेनिंग के लिए सफेद, लाल और गुलाबी गेंद भी आम हैं, इसके अलावा ट्रेनिंग या आधिकरिक मैचों के लिए विंड गेंदों और टेनिस गेंदों का भी इस्तेमाल किया जाता है। क्रिकेट मैच के दौरान गेंद ऐसी स्थिति में पहुंच जाती है जहां वो इस्तेमाल के लायक नहीं रहती है, इस दौरान गेंद की विशेषताएं बदल जाती हैं और ये मैच को प्रभावित करती हैं। मैच के दौरान क्रिकेट के नियमों के मुताबिक एक हद के बाहर गेंद से छेड़छाड़ करने की मनाही होती है और गेंद के साथ छेड़छाड़ करने की घटनाओं से कई विवाद खड़े हो चुके हैं।


क्रिकेट गेंद की विषेशताए।   
                                                            वजन                                                आकार 
13 के कम साल के बच्चे              (133 से 143 ग्राम)                   8.06 से 8.69 इंच (205 से 221मिमी)
युवा बच्चे                       प्लास्टिक की गेंद जैसे "क्वाइक क्रिकेट बॉल" अक्सर इस्तेमाल किया जाता है 
पुरुष, और लड़कों 13 साल  से उपर       (156 से 163 ग्राम)             8.81 से 9 इंच (224 से 22 9 मिमी)
महिलाएं,और लड़कियों13 साल के उपर  (140 से 151 ग्राम)           8.25 से 8.88 इंच (210 से 226 मिमी)


क्रिकेट की गेंदों का वजन 155.9 ग्राम और 163 ग्राम के बीच होता है और इन्हें अपनी कठोरता तथा इस्तेमाल से जख्मी होने के खतरे के लिए जाना जाता है। क्रिकेट की गेंद से होने वाले खतरे की वजह से ही सुरक्षात्मक उपकरणों को क्रिकेट के खेल में शामिल किया गया था। क्रिकेट मैच के दौरान अक्सर खिलाड़ियों के जख्मी होने के मामले सामने आते रहते हैं, इनमें से कुछ मामले क्रिकेट गेंद की वजह से होते हैं।क्रिकेट गेंद की प्रकृति उसके निर्माता के साथ थोड़ा भिन्न होती है। 

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मे बॉल का इस्तमाल। 
व्हाइट कौकाबुरा गेंदों का एक दिवसीय और ट्वेंटी -20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उपयोग किया जाता है, जबकि टेस्ट मैचों के लिए टेस्ट मैचों में खेला जाने वाले टेस्ट मैचों में लाल कुकाबुरस का उपयोग किया जाता है, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड को छोड़कर, जो ड्यूक्स और भारत का इस्तेमाल करते हैं , जो एसजी गेंदों का इस्तेमाल करते हैं। सभी एक-दिवसीय मैच कूकाबुरा गेंदों से खेले जाते हैं लेकिन भारत में टेस्ट मैच एसजी क्रिकेट गेंदों से खेले जाते हैं। और जब इंग्लैंड किसी अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच की मेजबानी करता है तो वे "ड्यूक क्रिकेट गेंद" का इस्तेमाल करते हैं, जबकि बाकी सभी टेस्ट मैचों के लिए कूकाबुरा गेंदों का ही इस्तेमाल किया जाता है।


1996 विश्व कप के दौरान जब एक-दिवसीय मैच खेला गया तो दोनों ही अंपायरों के पास एक-एक गेंद रहती थी। प्रत्येक ओवर के बाद मुख्य अंपायर लेग अंपायर की भूमिका में आ जाते हैं और लेग अंपायर मुख्य अंपायर की भूमिका, वे क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम को नियम मुताबिक छह सही गेंदें फेंकने के लिए अपने पास रखी गेंद देते हैं और फिर ओवर खत्म होने के बाद उस गेंद को वापस ले लेते हैं। यही काम दूसरा अंपायर भी करता है।.. और उस समय इसी तरह से एक-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला जाता था, ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि सफेद गेंदें जल्दी गन्दी हो जाती हैं।
टी ट्वेंटी क्रिकेट मे सफ़ेद रंग के गेंद का इस्तमाल किया जाता हैं। 
एकदिवसीय क्रिकेट मे सफ़ेद रंग के गेंद का इस्तमाल किया जाता हैं। 
कसोटी ( टेस्ट ) क्रिकेट मे लाल रंग के गेंद का इस्तमाल किया जाता हैं। 
दिवस-रात्र कसोटी ( टेस्ट ) क्रिकेट मे गुलाबी रंग के गेंद का इस्तमाल किया जाता हैं।

Sunday, December 3, 2017

जानिए क्रिकेट खेल मे इस्तमाल होने वाले बॅट के बारे मे जानकारी, बॅट की लंबाई , चौड़ाई , कितनी होती हैं। Cricket bat information in hindi .

क्रिकेट दुनिया के लोकप्रिय खेलो मेसे एक खेल हैं। दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल हैं, और दूसरे नंबर पर क्रिकेट आता हैं। भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी हैं। पर भारत मे क्रिकेट के बहुत फैन हैं। क्रिकेट खेलने के कुछ चीजों की आवश्यकता होती हैं। उसमे क्रिकेट खेलने के लिए मैदान, स्टंप, बॅट, बॉल और खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है। क्रिकेट मे बॅट का उपयोग बॉल मारने के लिए किया जाता हैं। खास तौर पर बॅट लकड़ी से बना हुआ होता हैं।  बल्ले की लंबाई 38 इंच (9 65 मिमी) से अधिक नहीं हो सकती और चौड़ाई 4.25 इंच (108 मिमी) से अधिक नहीं हो सकती। इसका उपयोग पहली बार 1624 में किया गया है। 1979 से, नियम परिवर्तन में यह निर्धारित किया गया था कि बॅट केवल लकड़ी से ही बना सकते हैं।


क्रिकेट के बल्ले का विकास
आमतौर पर सबसे पुराना बल्ला के रूप में मान्यता प्राप्त बल्लेबाज़ी 1729 है और लंदन में ओवल में सैंडहैम कक्ष में प्रदर्शित होती है।


बॅट की जानकारी 
क्रिकेट के नियमों के कानून जैसा कि खेल के नियमों के अनुसार जाना जाता है, बताते हैं कि बल्ले की लंबाई 38 डिग्री (9 65 मिमी) से अधिक नहीं हो सकती, चौड़ाई 4.25 से (108 मिमी) , कुल गहराई में 2.64 से अधिक (67 मिमी) और 1.56 इंच (40 मिमी) से अधिक बढ़त नहीं है। बैट आमतौर पर 2 एलबी 7 ऑउंस से 3 एलबी (1.2 से 1.4 किग्रा) तक तौलना करते हैं, हालांकि कोई मानक नहीं है। क्रिकेट के कानून के परिशिष्ट बी ने अधिक सटीक विशिष्टताओं को निर्धारित किया। यह नियम 1771 के राक्षस बॅट घटना के बाद शुरू किया गया था।


बॅट की देखभाल 
जब बल्ले को पहली बार ख़रीदा जाता है, वह उसी समय खेलने के लिए तैयार नहीं होता। बल्ले को खरीदने के बाद इसके जीवन काल को अधिकतम बनाने के लिए इस पर तेल लगाने और नॉक-इन करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए इस पर कच्चे अलसी के तेल की एक परत चढ़ाई जाती है, इसके बाद बल्ले की सतह को क्रिकेट की एक पुरानी गेंद से स्ट्राइक किया जाता है, गेंद के स्थान पर विशेष प्रकार के लकड़ी के हथौड़े का उपयोग भी किया जा सकता है। इससे बल्ले के अन्दर के मुलायम तन्तु (फाइबर) ठोस हो जाते हैं और बल्ले के तड़कने की संभावना कम हो जाती है।



भारत का क्रिकेट बॅट उद्योग 
पारंपरिक भारतीय क्रिकेट बॅट जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के क्षेत्रों में भारत में बने हैं। कश्मीर में यह उत्तरी भारत में पाए जाने वाले विलो से बना है, जबकि टीक और पेड़ों जैसे पेड़ देश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में इन चमड़े को बनाने में साल की लकड़ी का उपयोग किया जाता है। कश्मीर में किए गए कुछ बल्ले अंतरराष्ट्रीय मानकों के होते हैं और भारत में कई राष्ट्रीय खिलाड़ियों जैसे सुनील गावस्कर, वीरेंद्र सहवाग और युवराज सिंह द्वारा उपयोग किया जाता था। अन्य क्षेत्रों में किए गए बल्ले आम तौर पर कम गुणवत्ता वाले होते हैं, और मुख्य रूप से गैर-पेशेवर क्रिकेट खेलों में उपयोग होते हैं, जैसे कि टेनिस बॉल क्रिकेट, जो पूरे देश में सड़कों और पड़ोस में खेले जाते हैं।


एक अनोखा बॅट मोंगूस बॅट 
2010 के आईपीएल में बल्ला बनाने वाली एक नयी कम्पनी मोंगूस ने क्रिकेट के बल्ले के एक नए डिजाइन की घोषणा की जिसे मिनी मोंगूस कहा गया। इस बल्ले का ब्लेड छोटा और मोटा था और हैंडल लंबा था, ताकि यह बल्ले में गेंद को हिट करने के लिए अधिक क्षेत्र उपलब्ध करा सके और बड़े शॉट खेले जा सकें. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक अद्वितीय अल्प गुरुत्व केन्द्र बल्ले को अधिक तेज गति देता है और क्योंकि इसका ब्लेड छोटा होता है, इसलिए ब्लेड को समान वज़न के लिए मोटा बनाया जा सकता है। अर्थात बल्ले का अधिक हिस्सा गेंद को हिट करने के लिए उपलब्ध है,एंड्रयू साइमंड्स, मैथ्यू हेडन  स्टुअर्ट लॉ, प्रणीत सिंह और ड्वेन स्मिथ के द्वारा किया जाता था।

Saturday, December 2, 2017

जानिए क्रिकेट खेल मे इस्तमाल होनेवाले स्टंप के बारे मे जानकारी। Cricket stump information in Hindi

भारत मे क्रिकेट खेल सबसे लोकप्रिय खेलो मैसे एक खेल हैं। भारत मे ज्यादा तर लोग क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं। क्रिकेट खेलने के लिए कुछ चीजे जरुरी होती हैं। क्रिकेट खेलने के लिए मुख्य तौर पर बैट और बॉल जरुरी होता हैं। पर बैट और बॉल के साथ साथ क्रिकेट खेलने के लिए मैदान होना चाहिए। और सबसे जरुरी मैदान पर जिस पिच पर बल्लेबाजी करनी हैं, उस पिच पर स्टंप बहुत आवश्यक हैं। अगर स्टंप नहीं होंगे तो हम क्रिकेट नहीं खेल सकते। इस लिए क्रिकेट मे स्टंप बहुत जरुरी होते हैं। 
 

स्टंप के बारे मे जानकारी 
क्रिकेट खेल मे क्रिकेट स्पिच पर तीन स्टंप होते हैं। इन स्टम्पों पर बेल्स होते हैं। तीन स्टंप क्रिकेट स्पिच के दोनों बाजु पर होते हैं। अगर गेंदबाज बल्लेबाज को बॉलिंग पर स्टंप कर दे तो बल्लेबाज को आउट घोषित किया जाता हैं। विकेट कीपर भी स्टंपिंग कर बल्लेबाज को आउट कर सकता हैं। जब अंपायर स्टंप के ऊपर से बैल्स को हटा देते है तो उसका मतलब उस दिन के लिए खेल ख़त्म माना जाता हैं। 
स्पिच के दोनों और तीन स्टंप होते हैं। तीन स्टंप दो बेल्स को सहारा देते हैं। स्टंप आम तौर पर लकड़ी के बने होते हैं। प्रत्येक विकेट की कुल चौड़ाई 9 इंच (22.9 सेंटीमीटर) है। प्रत्येक स्टंप 28 इंच (71.1 सेंटीमीटर) लंबा और 1 1/2 इंच (3.81 सेमी) और 1 3/8 इंच (3.4 9 सेंटीमीटर) के अधिकतम और न्यूनतम व्यास के साथ है। जमीन में डालने के लिए उनके पास एक छोर पर एक कील होती है, और दूसरे छोर पर यू-आकार का 'नाली के माध्यम से' होता है ताकि बेल्स के लिए एक आराम स्थान उपलब्ध हो सके।



जुनिअर क्रिकेट मे स्टम्पों लंबाई और चौड़ाई के मामले मे छोटे होते हैं।
 प्रत्येक स्टंप को किसी विशिष्ट नाम से संदर्भित किया जाता है:
ऑफ स्टंप (Off stump) विकेट की तरफ से स्टंप है। 
मध्य स्टंप (Middle stump)केंद्र के स्टंप पर है, तीन स्टंप के बीच।
लेग स्टंप (Leg stump) विकेट के किनारे पर स्टंप है। 


आधुनिक क्रिकेट मैचों मे स्टंप पर आयोजकों के स्पोंसर का लोगो छपा हुआ होता हैं। रन आउट और विकेट कीपिंग के सही निर्णय लिए जाए इसलिए स्टंप के बिच मे कैमरा लगा हुआ होता हैं। इसका फायदा अंपायर को अपने निर्णय लेने मे होता हैं। 


एक नया नवाचार स्टंप और बेल्स लाल एल ई डी के साथ एम्बेडेड होता है, जो पूरी तरह से उखाड़ फेंका जाता है। ऑस्ट्रेलियाई इंजीनियर द्वारा खोजी गई और "ज़िंग बैल्स" के रूप में ट्रेडमार्क किया गया, वे दोनों अंपायरों को रन-आउट या स्टंपिंग फैसलों के साथ-साथ दिन रात मैचों के दौरान टेलीविजन कवरेज के लिए विशिष्ट चित्र प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया। आईसीसी विश्व ट्वेंटी -20 में पहली बार एलईडी स्टंप का इस्तेमाल किया गया था, और तब से एकदिवसीय या फ्रैंचाइजी टी -20 लीग इस स्टंप का उपयोग सामान्य हो गए हैं।


स्टंप को एक शब्द के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है जिसका मतलब है कि एक दिन का खेल समाप्त होता है, उदा। "अंपायरों को स्टंप कहा जाता है" का अर्थ है कि अंपायरों ने दिन के लिए खेलने का घोषित किया है। एक सत्र के अंत में, अर्थात् दोपहर का भोजन या चाय से पहले, अंपायर बेल्स निकाल देंगे; दिन के खेल के अंत में अंपायर स्टंप को भी हटा देंगे।

Friday, December 1, 2017

जानिए महाराष्ट्रा के गणपतराव देशमुख के बारे मे जो सबसे ज्यादा बार यानि ग्यारह बार विधायक बनने रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके है। Ganpatrao Deshmukh MLA Information in Hindi.

राजकारण कोई हर वक्त नहीं जीत सकता ऐसा लोग कहते हैं। ज्यादा बार हार का सामना ही करना पड़ता हैं। पर महाराष्ट्रा संगोला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले श्री गणपतराव देशमुखजी ने इस बात को गलत साबित कर दिखाया हैं। श्री गणपतराव देशमुखजी ने महाराष्ट्रा के संगोला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से अब तक ग्यारह बार विधायक बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम पर दर्ज किया हैं।



श्री गणपतराव देशमुख का जन्म 10 अगस्त 1926 महाराष्ट्रा के सोलापुर जिले के मोहोल तालुका के पिंपरी गांव  मे हुआ था। उनकी उम्र 91 साल की है। आंदोलन करने के रवैये के बजह से गणपतरावजी (शेतकरी कामगार पक्ष ),श्रमिक कार्यकर्ता पार्टी में गए और आज भी उनके साथ है। वर्ष 1962 में, 34 वर्ष की आयु में, उन्हें विधायक चुना गया और तब से, 11 बार लगातार गणपतराव देशमुख सांगो का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। विधानसभा में उनके 55 वर्षों के लिए उन्हें इस वर्ष सम्मानित किया गया था।इससे पहले तमिलनाडु के एम. करूणानिधि ने लगातार 10 बार चुनाव जितकर विधायक बनने का रिकॉर्ड बनाया था। उस रिकॉर्ड की बराबरी 2009 को संगोला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जितकर कर ली। और 2014 के महाराष्ट्रा संगोला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जितकर ग्यारह बार चुनाव जितने का रिकॉर्ड बनाया। 


श्री गणपतराव देशमुख  पेशे से वकील थे। उस समय यानि 1962 को कोई भी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव मे खड़ा रहने की हिम्मत नहीं दिखाता था। उस वक्त श्री गणपतराव देशमुख पहली  चुनाव जितकर विधायक बने थे। उस वक्त उनकी उम्र 34 साल की थी।श्री गणपतराव देशमुख विधानसभा 1978 में शरद पवार के पुलोद और 1999 में गठबंधन सरकार में कुछ वर्षों के लिए मंत्री रह चुके हैं। वह हमेशा विपक्षी बैचों में रहे हैं। वे केवल 1972 और 1995 में पराजित हो गए लेकिन समय को खोने के बिना, उन्होंने जनसंपर्क बढ़ाया और अपने स्थान को मजबूत बना दिया।


श्री गणपतराव देशमुख ने 2012 में विधानसभा में 50 साल पूरे किये थे और सदन तथा सरकार की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया था। देशमुख ने अधिकतर समय विपक्ष में बिताया है लेकिन दो बार मंत्री भी रहे हैं।


श्री गणपतराव देशमुख जिने बहुत साधारण तरीके से अपना जीवन व्यतीत किया। 55 सालो से श्री गणपतराव देशमुख सांगोला का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
2014 के महाराष्ट्रा विधानसभा के चुनाव में उन्होंने शिवसेना के शहाजीबाबू पाटिल को 25 हजार 224 वोटों से हराकर 94,374 वोट हासिल किए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने गणपतिराव देशमुख के खिलाफ उमेदवार कोई उमेदवार खड़ा नहीं किया था। 


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