दुनिया मे अलग अलग तरह के लोग पाए जाते हैं। हर प्रकार के लोग मिलते हैं ,उन लोगो मेसे कुछ बहुत होशियार होते हैं। वह लोग किसी ना किसी क्षेत्र मे बहुत होशियार होते हैं। ऐसा ही एक व्यक्ति था , जो हर क्षेत्र मे निपुन था। उसका नाम श्रीकांत जिचकर था।
श्रीकांत जिचकर के बारे मे जानकारी।
श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितम्बर 1954 को काटोल मे हुआ था। श्रीकांत जिचकर बचपन से ही बहोत होशियार थे। वह सब बच्चो मे बहुत ही प्रतिभाशाली थे। श्रीकांत जिचकर जी के पत्नी का नाम राजश्री जिचकर हैं। उन्हें तीन बच्चे थे।
श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितम्बर 1954 को काटोल मे हुआ था। श्रीकांत जिचकर बचपन से ही बहोत होशियार थे। वह सब बच्चो मे बहुत ही प्रतिभाशाली थे। श्रीकांत जिचकर जी के पत्नी का नाम राजश्री जिचकर हैं। उन्हें तीन बच्चे थे।
श्रीकांत जिचकर की शिक्षा।
श्रीकांत जिचकर जी ने अलग अलग प्रकार के लगभग 20 प्रकार की डिग्रीया हासिल कर ली थी। उन्होंने हर प्रकार की मुश्किल से मुश्किल डिग्री हासिल कर रखी थी। उन्होंने एक मेडिकल डॉक्टर (MBBS and MD) के रूप में शुरू किया, उन्होंने कानून (LL.B.) और अंतरराष्ट्रीय कानून पदव्युत्तर पदवी ( LL.M ) की शिक्षा ली। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (DBM और MBA) में अपनी मास्टर्स और जर्नलिज्म (B.Journ) की पदवी ली। उन्होंने संस्कृत में अपनी डी.लिट (Doctor of Literature ) की डिग्री प्राप्त की। जो विश्वविद्यालय में किसी भी डिग्री से अधिक है। उनकी अधिकांश डिग्री प्रथम योग्यता के साथ हैं और उन्होंने अपनी डिग्री के लिए 28 स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं। 1973 और 1990 के बीच उन्होंने 42 विश्वविद्यालय की परीक्षाएं, हर गर्मी और हर सर्दी के मौसम मे उन्होंने एक परीक्षा दी।
1978 में उन्होंने भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा में भाग लिया और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में उनको चुना गया। कुछ दिनों बाद उन्होंनेआईपीएस के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने फिर से भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा दी और 1980 में भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (IAS ) में सफलता प्राप्त की , लेकिन चार महीने बाद श्रीकांत जिचकर जीने फिर से इस्तीफा दे दिया।
श्रीकांत जिचकर जीने महाराष्ट्रा विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला किया। और जब उनकी उम्र 26 साल की थी , तब वह देश के सबसे कम उम्र के पहली बार विधायक बने। विधायक बनने के बाद श्रीकांत जिचकर जी महाराष्ट्रा सरकार के सबसे शक्तिशाली मंत्री बन गए। श्रीकांत जिचकर जी एक बहुत ही शक्तिशाली सरकारी मंत्री थे , जो एक बार में 14 खाते संभालते थे। श्रीकांत जिचकर जी महाराष्ट्र विधान सभा (1982-85), मे विधायक थे। महाराष्ट्र विधान परिषद (1986-92) के सदस्य थे। और महाराष्ट्रा राज्य सरकार के राज्य मंत्री रहे। वह भारतीय राज्यसभा मे (1992-98) का सदस्य थे।
श्रीकांत जिचकर जी की रूचि।
श्रीकांत जिचकर जी एक शिक्षणतज्ज्ञ, चित्रकार, पेशेवर फोटोग्राफर और अभिनेता भी थे। श्रीकांत जिचकर जी का खुद का बहुत ही बड़ा पुस्तकालय था। जिसमे लगभग 52,000 से ज्यादा पुस्तक थे। उनका पुस्तकालय भारत के सबसे बड़े पुस्तकालय मैसा एक था। उन्होंने 1992 में नागपुर में सैंडिपानी स्कूल की स्थापना की थीं।
श्रीकांत जिचकर जी एक शिक्षणतज्ज्ञ, चित्रकार, पेशेवर फोटोग्राफर और अभिनेता भी थे। श्रीकांत जिचकर जी का खुद का बहुत ही बड़ा पुस्तकालय था। जिसमे लगभग 52,000 से ज्यादा पुस्तक थे। उनका पुस्तकालय भारत के सबसे बड़े पुस्तकालय मैसा एक था। उन्होंने 1992 में नागपुर में सैंडिपानी स्कूल की स्थापना की थीं।
श्रीकांत जिचकर जी की मृत्यु।
ऐसे महान व्यक्ति की मृत्यु एक कार अपघात मे 2 जून 2004 मे नागपुर के पास एक कोडाली गांव एक कार दुर्घटना में निधन हो गया। 2 नवंबर 2013 को अदालत ने एसटी निगम को कार चालकों के लिए जिम्मेदार ठहराया और जिचकर के परिवार के सदस्यों को 50 लाख 67 हजार रुपये मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया।
ऐसे महान व्यक्ति की मृत्यु एक कार अपघात मे 2 जून 2004 मे नागपुर के पास एक कोडाली गांव एक कार दुर्घटना में निधन हो गया। 2 नवंबर 2013 को अदालत ने एसटी निगम को कार चालकों के लिए जिम्मेदार ठहराया और जिचकर के परिवार के सदस्यों को 50 लाख 67 हजार रुपये मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया।
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