इलेक्शन मे तो हार जित तो होती ही रहती है। भारत मे बहुत सारी पार्टियाँ हैं पर कोई भी पार्टी ने पहले ही चुनाव मे अपनी सरकार स्थापन नहीं की थी। कांग्रेस भारत सबसे पुरानी और ताकतवर पार्टी होने के बाउजूद उस पार्टी के सामने नहीं टिक पायी थी। उस पार्टी का नाम आम आदमी पार्टी हैं। जिसकी गठन अरविन्द केजरीवाल ने 26 नवम्बर 2012 को दिल्ली मे किया था। आम आदमी पार्टी ने अपने पहले ही चुनाव मे 70 मैसे 28 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद भारतीय कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करके अपनी सरकार की स्थापना की थी।
सन् २०११ में इंडिया अगेंस्ट करप्शन नामक संगठन ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए जन लोकपाल आंदोलन के दौरान भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा जनहित की उपेक्षा के खिलाफ़ आवाज़ उठाई। अन्ना भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आंदोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उनके सहयोगियों की यह राय थी कि पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाये। इसी उद्देश्य के साथ पार्टी 2013 के दिल्ली विधान सभा चुनावो मे अपने पार्टी को झाड़ू चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी।
पार्टी ने 2013 के विधान सभा चुनाव में अपनी पहली चुनावी शुरुआत की, जहां यह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा, 70 सीटों में से 28 जीतकर जीत दर्ज की गई। कोई भी पार्टी पूरी बहुमत हासिल करने के साथ, आप ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से सशर्त समर्थन के साथ एक अल्पसंख्यक सरकार बनाई। अपने एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में जन लोकपाल बिल का शीघ्र परिचय करना था। जब चुनाव के बाद यह स्पष्ट हो गया कि अन्य प्रमुख पार्टियां इस बिल का समर्थन नहीं करती हैं, तो आम आदमी पार्टी सरकार ने इस्तीफा दे दिया। यह सत्ता में 49 दिनों के लिए रहा था।
2015 विधानसभा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा में 70 सीटों में से 67 सीटें जीत लीं। दो राष्ट्रीय राजनैतिक दलों के बीच, भारतीय जनता पार्टी ने 3 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किसी भी जीत नहीं पाई।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013
4 दिसंबर २०१३ को दिल्ली विधानसभा चुनावो मे पार्टी ने पहिली बार चुनाव मे हिस्सा लिया और 28 सिटो पर जित दर्ज की। 6 दिसम्बर को घोषित हुए परिणाम में 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में पार्टी २८ सीटों पर विजयी रही। ३२ विधान सभा क्षेत्रों की विजेता भारतीय जनता पार्टी के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। अरविन्द केजरीवाल ने सत्तारूढ़ी कांग्रेस पार्टी की निवर्तमान मुख्यमन्त्री शीला दीक्षित (कांग्रेस) को लगभग 25,000 वोटों से पराजित किया।और कांग्रेस केवल ८ सीटों पर सिमट गयी।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने भाजपा द्वारा सरकार बनाने से मना करने के बाद आम आदमी पार्टी विधायक दल के नेता अरविन्द केजरीवाल को सरकार बनाने के लिये आमन्त्रित किया। २८ दिसम्बर को कांग्रेस के समर्थन से पार्टी ने दिल्ली में अपनी सरकार बनायी। अरविन्द केजरीवाल सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015
दिल्ली विधानसभा के छह विधानसभा विधानसभा चुनाव 7 फरवरी 2015 को भारत के चुनाव आयोग द्वारा घोषित किए गए थे। [65] आम आदमी पार्टी ने 70 सीटों में से 67 में बहुमत जीतकर भारी जीत हासिल की। भाजपा 3 सीटें जीतने में सक्षम था और कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी उम्मीदवारों को खो दिया। [66] केजरीवाल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।
भारतीय लोकसभा चुनाव 2014
आम आदमी पार्टी ने आशा के विपरीत पार्टी का प्रदर्शन फीका रहा तथा पार्टी के सभी प्रमुख नेता चुनाव हार गए। लेकिन एक सुखद आश्चर्य के रूप में पार्टी ने पंजाब में चार
सीटों- पटियाला, संगरूर,फरीदकोट तथा फतेहगढ़ साहिब में विजय प्राप्त की।
No comments:
Post a Comment